कभी दिल्ली का तख्त हिला देने वाले मराठों की धरती पिछले काफी समय से राजनीतिक कंपन झेल रही है. ये कंपन कभी किसी दल को तोड़ देता है, तो कभी दो अलग धुरी के दलों को साथ लाकर खड़ा कर देता है. ताजा घटनाक्रम हुआ महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े खिलाड़ी शरद पवार के घर में. उनके दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को उनके ही भतीजे अजित पवार ने कुछ यूं तोड़ा कि सूबे के तमाम नेताओं के राजनीतिक समीकरण हिल गए और चाणक्य माने जाने वाले उनके चाचा असहाय से खड़े रह गए.
महाराष्ट्र में अजित पवार पहले ही एक दिन का डिप्टी सीएम बनने के लिए ऐसा ही दिखने वाला कारनाम कर चुके थे, लेकिन तब चाचा पवार ने स्थितियों को ऐसा मरोड़ा कि न वो सरकार बची और न ही अजित का डिप्टी सीएम का पद. हालांकि इतने बड़े घटनाक्रम के बाद भी अजित की पार्टी में वापसी कुछ ऐसे हुई कि मानो कभी कुछ हुआ ही नहीं था. राजनीति के जानकार इस पूरे घटनाक्रम को शरद पवार का माइंड गेम कहने से नहीं चूकते हैं!
अब जब अजित पवार एक बार फिर विपक्षी महा विकास अघाडी को गच्चा देते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी गठबंधन के हिस्सा बन गए हैं और शरद पवार असहाय से दिख रहे हैं, तब भी राजनीतिक हलचलों पर नजर रखने वाले इसे आसानी से हजम नहीं कर पा रहे हैं. इस संशय को मजबूती तब और भी मिल जाती है, जब अजित पवार के समर्थक लगातार शरद पवार की सीढ़ियां चढ़ रहे हों.
साहेब से निवेदन- एक बनी रहे NCP
मुंबई के वाय वी चव्हाण सेंटर में अजित पवार और उनके कुछ मंत्री रविवार को शरद पवार से मिलने पहुंचे. अब जब चाचा को चकमा देने के बाद अजित उनसे मिलने पहुंचे तो जाहिर है कुछ तो बात हुई होगी. लेकिन अजित के साथ जाने वाले प्रफुल पटेल ने कहा कि इस दौरान साहेब ने सिर्फ उन्हें सुना, कुछ कहा नहीं. मीडिया से मुखातिब होते हुए पटेल ने कहा कि वो यहां शरद पवार का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं, वो भी बिना अपॉइंटमेंट के. पटेल बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने शरद पवार से निवेदन किया कि NCP एक बनी रहे और उसके टुकड़े न हों. इस पर पटेल के मुताबिक पवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
इस मुलाकात के बाद शरद पवार को संशय की नजर से देखने वालों की भौं चढ़ीं, तब तक शरद पवार खेमे का इस मुलाकात पर बयान आ गया. पैच-अप की संभावनाओं के आगे लगे विस्मयादिबोधक चिन्ह को मिटाते हुए पवार खेमे के जयंत पाटिल ने कहा कि सच ये है कि हमारी पार्टी बंट गई है. इसी के साथ उन्होंने कह दिया कि शरद पवार विधानसभा में कांग्रेस और शिवसेना के साथ ही बैठेंगे. हालांकि उन्होंने एक तीर ये भी छोड़ दिया कि उन्हें खुशी होगी कि जिन लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है वो भी वापस लौट आएं.
साफ नहीं किसके पास कितने विधायक
ये मुलाकात भले ही कई लोगों को हैरान कर रही हो, लेकिन मानसून सत्र से पहले टूटे हुए धड़े के विधायकों से शरद पवार की मिलने की संभावना राजनीति के जानकार पहले ही जता चुके थे. यहां ये साफ कर दें कि NCP के किस धड़े के पास कुल कितने विधायक हैं, ये अंक गणित भी अभी साफ नहीं हुआ है. 53 विधायकों वाली NCP के कई नेता अभी भी असमंजस की स्थिति में हैं और वो कभी भी एक से दूसरे खेमे में कूद सकते हैं. इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है शरद पवार की सक्रियता.
पार्टी को तोड़ते हुए अजित पवार ने जब शरद पवार की उम्र का हवाला दिया तो अगले ही रोज 82 साल के पवार ने फिर उठ खड़ा होने का दंभ भर दिया. अब वो कर्नाटक में इकट्ठे हो रहे विपक्षी धड़ों के साथ जा खड़े हुए हैं. लेकिन पवार परिवार की लगातार मुलाकातों के दौर के बीच शरद पवार के इस स्टैंड को संशय भरी नजरों से देखा जा रहा है. पिछली बार जब अजित पवार ने बगावत की थी, तब शरद पवार की पत्नी और अजित पवार की चाची प्रतिभा पवार ने उन्हें वापस लाने में अहम भूमिका निभाई थी.
फिर से अजित-शरद को मिलाएंगी प्रतिभा?
पिछले दिनों अजित पवार अपनी चाची प्रतिभा पवार से मिलने पहुंचे थे. पवार ने इसे पारिवारिक मुलाकात बताया था, लेकिन राजनीति में हर मुलाकात के मायने टटोले जाते हैं. उद्धव ठाकरे से टूटने के बाद एकनाथ शिंदे गुट के नेता मातोश्री की चौखट नहीं चढ़ सके, लेकिन अजित खेमे के नेता लगातार शरद पवार की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं. ऐसे में ये सवाल बार-बार यक्ष प्रश्न बन कर महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में उठ रहा है कि आखिर चाचा-भतीजे के बीच इस बार क्या खिचड़ी पक रही है?